सुकून
"इन महलों ने हर बार एक सुकून फ़रमाया!"
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उस झूमर के मोती से लेकर,
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बगीचे में खिलते रंग बिरंगे फूलों तक..
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वो फवारे की खुशबू से,
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आलिशान ख्यालों तक..
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बचपन से ढूंढा और हमेशा अनोखा ही पाया,
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इन महलों ने हर बार एक सुकून फ़रमाया !
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कई रहस्य कई राज़ शायद रहे होंगे इनमें,
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इन नक्काशियों की राह में उलझना काफी सुलझा हुआ पाया !
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शायद आज की दौड़ में ज़िन्दगी आलिशान होकर भी सादी है.
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पर इन महलों के दरवाज़ों से गुज़रना आज भी उस एहसास के लिए काफी है !
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"बचपन से ढूंढा और हमेशा अनोखा ही पाया, .
इन महलों ने हर बार एक सुकून फ़रमाया! "❤️ .
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- सीनिया
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